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घी, या क्लैरिफाइड बटर (clarified butter), भारतीय रसोई का एक अनिवार्य घटक है। हमारे दादी-नानी रोज घी खाने पर जोर देती थीं। अधिकतर लोग मानते थे कि घी मोटापा बढ़ाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि इस सुनहरे घटक के कई फायदे हैं।
इसके समृद्ध मक्खन वाले स्वाद के नीचे कई स्वास्थ्य लाभ छुपे हैं जो आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाएंगे और आपके शरीर को पोषण देंगे।
आप इसे रोटियों में डालें, दाल में मिलाएं, या अपनी पसंदीदा रेसिपी में इस्तेमाल करें, यह बहुमुखी घटक आपके समग्र स्वास्थ्य पर लंबे समय तक प्रभाव डालेगा।
और भी रोमांचक यह है कि इस पोषक तत्व को मिठाई, नमकीन, भारतीय और फ्यूजन रेसिपी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
भारत में, माताएं इसे सुपरफूड कहती हैं और इसे आपके दैनिक आहार का आवश्यक हिस्सा मानती हैं।
घी का उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक औषधियों और धार्मिक अनुष्ठानों में होता आया है। हालांकि, लोग अब इसके दैनिक सेवन के कई लाभों को स्वीकारने लगे हैं।
आइए, इस लेख में, इस अद्भुत सुपरफूड के बारे में विस्तार से जानें।
घी कैसे बनता है?
घी, या क्लैरिफाइड बटर (clarified butter), गाय के दूध के मक्खन से बनाया जाता है। इसे धीमी आंच पर तब तक गर्म किया जाता है जब तक कि सारा पानी वाष्पित (evaporate) न हो जाए। और केवल दूध के ठोस पदार्थ (milk solids) बच जाएं।
इन ठोस पदार्थों को बाद में हटाया या छाना जाता है। छानने के बाद जो तरल एकत्र होता है उसे क्लैरिफाइड बटर या घी कहते हैं। इस प्रक्रिया में मक्खन को शुद्ध रूप में प्राप्त किया जाता है।
इसे बनाने की इस विधि से हमें शुद्ध और पोषक तत्वों से भरपूर घी मिलता है। यह पारंपरिक विधि सदियों से चली आ रही है और इसे आयुर्वेद (Ayurveda) में भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
घी का पोषण प्रोफ़ाइल (Nutritional Profile of Ghee) [1]
पोषक तत्व (Nutrients) | मात्रा (Amount) |
ऊर्जा (Energy) | 123 Kcal |
प्रोटीन (Protein) | 0.039 grams |
वसा (Fat) | 13.9 grams |
कैल्शियम (Calcium) | 0.56 mg |
फॉस्फोरस (Phosphorus) | 0.42 mg |
पोटैशियम (Potassium) | 0.7 mg |
सोडियम (Sodium) | 0.28 mg |
कोलीन (Choline) | 3.12 mg |
विटामिन E (Vitamin E) | 0.39 mg |
घी के स्वास्थ्य लाभ
क्लैरिफाइड बटर (clarified butter) में कई एंटीऑक्सिडेंट, खनिज और विटामिन होते हैं जो हमारे शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। आइए नीचे दिए गए हिस्सों में और जानें।
1. पाचन स्वास्थ्य
घी में पाया जाने वाला ब्यूट्रिक एसिड (butyric acid) आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। आंतों की परत की कोशिकाएं ब्यूट्रिक एसिड का उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में करती हैं। यह एसिड उनकी वृद्धि में मदद करता है। साथ ही मरम्मत में भी सहायता करता है।
यह पाचन तंत्र के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाता है और हमारे आहार से पोषक तत्वों के सर्वोत्तम अवशोषण में सहायता करता है।
घी खाने से पेट के रसों का उत्पादन बढ़ता है। ये तरल पदार्थ भोजन को तोड़ने और पाचन प्रक्रिया शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। घी जटिल खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों के अवशोषण में भी मदद करता है।
यह प्राकृतिक रूप से आंतों के लिए लुब्रिकेंट का काम करता है। यह कब्ज या अनियमित मल त्याग वाले लोगों के लिए लाभकारी है। घी के सेवन से नियमितता बढ़ती है और मल को मुलायम बनाकर पाचन तंत्र से इसके गुजरने में सहायता मिलती है।
बेहतर परिणाम के लिए, सोते समय एक चम्मच घी के साथ दूध पिएं। [2] यह पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है और पाचन तंत्र को सुचारू रखता है।
घी का नियमित सेवन आपके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है और आपको स्वस्थ बनाए रखता है।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
क्या आपको याद है कि आपके बुजुर्ग भोजन में घी डालने को कहते थे?
नियमित रूप से घी का सेवन करने से चयापचय दर (metabolic rate) और समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
इसके अलावा, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाता है और हमारे शरीर को फ्लू, एलर्जी, खांसी और सर्दी से लड़ने में मदद करता है। [3]
3. स्वस्थ पोषक तत्व
घी विटामिन A, D, E और K और स्वस्थ वसा (healthy fats) से भरपूर होता है। यह संयोजन दिल और हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 fatty acids) भी होते हैं, जो मस्तिष्क के कार्य के लिए उत्कृष्ट माने जाते हैं।[4]
4. सूजन कम करता है
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस घी में पर्याप्त मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण भी होते हैं। ये गुण हमारे शरीर को सूजन से लड़ने में मदद करते हैं और शरीर के दर्द को भी कम करते हैं।[5]
घी का नियमित सेवन आपके शरीर को स्वस्थ रखता है और विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करें और इसके लाभों का अनुभव करें।
5. त्वचा का स्वास्थ्य
यह स्वस्थ पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है। खाली पेट खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। यह त्वचा की शुष्कता, रूखापन और मुंहासे, झुर्रियां और दाग-धब्बों को कम करता है। [6]
आप इसे प्राकृतिक मॉइस्चराइजर (moisturiser) के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। इससे आपकी त्वचा चमकदार, रेशमी और मुलायम बनती है।
इसमें मौजूद विटामिन और आवश्यक फैटी एसिड त्वचा की शुष्कता को दूर करते हैं और त्वचा की लचीलेपन को बढ़ाते हैं। यह एक प्राकृतिक और कोमल तरीका है जिससे त्वचा का रंग हल्का होता है।
सोशल मीडिया पर लोग DIY घी मॉइस्चराइजर और 100 बार धुले घी के फायदों को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
यह त्वचा को गोरा करने में भी मदद कर सकता है।
इसके जैविक एमोलिएंट (emollient) गुण आपकी त्वचा के टोन को संतुलित करके । दाग-धब्बों की उपस्थिति को कम करके वांछित स्वस्थ, युवा चमक देते हैं।
6. आंखों का स्वास्थ्य
यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि घी का सेवन आपकी आंखों की रोशनी भी सुधार सकता है। इसमें फैटी एसिड्स (fatty acids) और विटामिन A होते हैं जो अच्छी और स्वस्थ दृष्टि के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, ये गुण आंखों को कुछ बीमारियों से बचाते हैं।
घी का नियमित सेवन आंखों की सेहत को बनाए रखता है और दृष्टि को तेज करता है। यह आपकी आंखों को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखता है।[7]
7. लैक्टोज असहिष्णु (lactose intolerant) लोगों के लिए अच्छा
क्या आप जानते हैं कि घी लैक्टोज असहिष्णु (lactose intolerant) लोगों के लिए भी उपयुक्त है?
हां, यह सच है। हालांकि यह दूध से बनाया जाता है, लेकिन इसे दूध असहिष्णुता वाले लोग भी आसानी से खा सकते हैं।
प्रक्रिया के दौरान सभी दूध प्रोटीन निकाल दिए जाते हैं।
जिससे घी उन लोगों के लिए उपयुक्त हो जाता है जो दूध या दूध उत्पादों का सेवन नहीं कर सकते।[8]
8. वजन प्रबंधन
यदि आप अपने वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो आपको गर्म पानी और घी मिलाकर पीना चाहिए।
आम धारणा के विपरीत, इसमें लाभकारी वसा होते हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं।
घी में मौजूद मीडियम-चेन फैटी एसिड्स (medium-chain fatty acids) आसान अवशोषण और ऊर्जा रूपांतरण की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे मेटाबोलिज्म (metabolism) तेजी से होता है।
यह पूरे दिन ऊर्जा जारी करता है और कैलोरी जलाने में मदद करता है। गर्म पानी तृप्ति को प्रोत्साहित करता है। यह वजन प्रबंधन में मदद करता है।
इससे अगले भोजन में अधिक खाने की संभावना कम हो जाती है। इसलिए, वजन घटाने के लिए दो का मिश्रण एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
9. मस्तिष्क स्वास्थ्य
आयुर्वेद कहता है कि बिलोना घी को मेध्य रसायन (medhya rasayana) माना जाता है। यह संज्ञान-बढ़ाने वाली (nootropic) जड़ी-बूटियों का संग्रह है, जिसमें कई फायदे होते हैं।
यह विशेष रूप से मानसिक सतर्कता, संज्ञान, स्मृति, बुद्धि और सीखने की क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है। घी में पाए जाने वाले आवश्यक फैटी एसिड मस्तिष्क के कार्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
ये वसा मस्तिष्क ऊतक (brain tissue) के विकास और रखरखाव का समर्थन करते हैं, जिससे एकाग्रता, स्मृति और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार होता है। घी का नियमित उपयोग न्यूरोलॉजिकल (neurological) बीमारियों, जैसे अल्जाइमर (Alzheimer’s) के कम जोखिम से भी जुड़ा हुआ है।[9]
घी के साइड इफेक्ट्स
हालांकि घी को सुपरफूड माना जाता है, लेकिन इसे अपने आहार में शामिल करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- घी का सेवन रक्त में एलडीएल (low-density lipoprotein-LDL) स्तर को बढ़ा सकता है। इससे असहिष्णुता (intolerance) वाले कुछ लोगों में उल्टी हो सकती है।
- रक्त में उच्च एलडीएल स्तर धमनी की दीवारों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिसे प्लाक या एथेरोमा (atheroma) भी कहा जाता है।
- इसे अस्थिर लिवर टेस्ट मूल्यों, पीलिया (jaundice) आदि वाले लोगों को नहीं दिया जाता है।
घी का सेवन करने से पहले इन साइड इफेक्ट्स पर विचार करें और जरूरत हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।
अपने आहार में घी कैसे शामिल करें?
क्लैरिफाइड बटर (clarified butter) किसी भी चीज़ को तुरंत स्वादिष्ट बना सकता है। आप इसे कई तरीकों से उपयोग कर सकते हैं और अपने परिवार के आहार में शामिल कर सकते हैं। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं:
- अपने पसंदीदा भारतीय व्यंजन पकाएं।
- आशिर्वाद मल्टीग्रेन आटे (Aashirvaad Multigrain Atta) से बने परांठों पर लगाएं, जिसमें छह पूर्ण अनाजों की अच्छाई होती है।
- दाल-चावल के संयोजन पर डालें।
आयुर्वेद और घी
आयुर्वेदिक संस्कृति में क्लैरिफाइड बटर को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। आयुर्वेद कहता है कि इसे सुबह सबसे पहले खाली पेट गुनगुने पानी के साथ पीना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार, क्लैरिफाइड बटर सुबह रस (Rasa) बनाता है, जो पहला पोषक टॉनिक है। यह रस आपके शरीर के सात ऊतकों को मजबूत बनाता है।
यह जोड़ों को चिकनाई देता है और अतिरिक्त वात (Vata) को हटाकर जोड़ों के क्रैकिंग और पॉपिंग (cracking and popping) को रोकता है।
यह त्वचा की शुष्कता (dryness) को दूर करने और इसे अंदर से हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।
आयुर्वेद कहता है कि खाली पेट घी लेने के बाद कम से कम आधा घंटा कोई भोजन या तरल पदार्थ न लें। डॉक्टर की सलाह से 5-10 मिलीलीटर घी पिएं।
यह सुपरफूड अनूठी गुणधर्मों वाला है जो पाचन तंत्र और ऊतकों (tissues) को चिकनाई देता है और आम (Ama) को हटाता है। [10]
आयुर्वेद के अनुसार, घी को एक एयर-टाइट कंटेनर में स्टोर करें। इसे कम से कम एक साल या उससे अधिक समय तक स्टोर करें। ऐसा घी पुराना घृत (Purana ghrita) कहलाता है।
यह घी मनोवैज्ञानिक (psychological) और न्यूरोलॉजिकल (neurological) विकारों का इलाज करने में मदद करता है।
घी समग्र कल्याण में भी सहायक है, जैसे मेटाबोलिज्म, पाचन, त्वचा का स्वास्थ्य, डिटॉक्सिफिकेशन (detoxification), ऊर्जा में सुधार और बहुत कुछ।[11]
घी को कैसे स्टोर करें?
क्लैरिफाइड बटर (clarified butter) दूध को गर्म करके तैयार किया जाता है; इसलिए, इस प्रक्रिया के दौरान अधिकांश दूध गुणधर्म हटा दिए जाते हैं। इसके बाद जो बचता है वह यह सुनहरा सुपरफूड है, जिसे रेफ्रिजरेशन की आवश्यकता नहीं होती। आप इसे आसानी से कमरे के तापमान पर स्टोर कर सकते हैं और यह खराब नहीं होगा। इसका शेल्फ लाइफ लगभग 16 महीने है।
5 टिप्स यह पहचानने के लिए कि आप शुद्ध या अशुद्ध घी का उपयोग कर रहे हैं
आइए देखें पांच टिप्स जो यह पहचानने में मदद करती हैं कि आप अपने दैनिक उपयोग में शुद्ध या अशुद्ध घी का उपयोग कर रहे हैं।
1. नमक
एक कटोरे में दो चम्मच घी लें। इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrochloric acid) और नमक मिलाएं। इसे 20 मिनट के लिए छोड़ दें और देखें कि क्या घी का रंग बदलता है। अगर रंग बदलता है, तो यह अशुद्ध है।
2. पानी
एक गिलास पानी में कुछ घी डालें। अगर यह तैरता है, तो यह शुद्ध है, और अगर यह नीचे बैठता है, तो यह अशुद्ध है।
3. गंध
कुछ घी को अपनी हथेली पर रगड़ें। इसे सूंघें। अगर आपको गंध आती है, तो यह शुद्ध है। अगर कोई गंध नहीं है, तो यह मिलावटी है, क्योंकि घी अपनी सुगंध के लिए जाना जाता है।
4. उबालें
एक पैन में 4-5 चम्मच घी उबालें और इसे 24 घंटे के लिए छोड़ दें। अगर अगले दिन यह बदबूदार और दानेदार हो जाता है, तो यह शुद्ध है; अन्यथा, यह अशुद्ध है।
5. पिघलाना
एक पैन को मध्यम आंच पर रखें। कुछ समय बाद इसमें एक चम्मच घी डालें। अगर यह पिघलकर गहरे भूरे रंग में बदल जाता है, तो यह शुद्ध है। अगर इसे पिघलने में समय लगता है और यह हल्के रंग में बदलता है, तो यह अशुद्ध है।
निष्कर्ष
संक्षेप में, घी के फायदे केवल इसके स्वाद तक ही सीमित नहीं हैं। यह एक पाककला का चमत्कार है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने और आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
इसका समृद्ध पोषण प्रोफ़ाइल इसे एक सुनहरा अमृत बनाता है।
क्लैरिफाइड बटर (clarified butter) के स्वाद और स्वास्थ्य लाभ आपको यह याद दिलाते हैं कि कभी-कभी सबसे अच्छा खाना पारंपरिक तरीकों से ही आता है।
चाहे आप इसे अपने रोज़मर्रा के खाना बनाने में उपयोग करें। या किसी खास व्यंजन में छुपे हुए घटक के रूप में। घी की सुनहरी चमक आपको एक स्वस्थ जीवन की ओर ले जाएगी। और आपके जीवन को स्वादिष्ट बनाएगी।
सामान्य प्रश्न (FAQs)
नहीं, घी में विटामिन B12 नहीं होता है। हालांकि, इसमें हमारे शरीर के लिए कई अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
हाँ, रोजाना घी खाने से कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। यह मजबूत प्रतिरक्षा और स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और त्वचा और हड्डियों के स्वास्थ्य का समर्थन करता है।
इसमें एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और अच्छे वसा (good fats) प्रचुर मात्रा में होते हैं। हालांकि, वसा को मध्यम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। घी जैसे फैटी फूड्स शरीर को कुछ आवश्यक विटामिन और खनिजों के अवशोषण में मदद कर सकते हैं। सब्जियों और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को घी में पकाने से आपको अधिक पोषक तत्व मिल सकते हैं।
अच्छे परिणाम और बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन 2-3 चम्मच घी शामिल करें।
घी में संयुग्मित लिनोलिक एसिड (conjugated linoleic acid) होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड (omega-3 fatty acids) भी होते हैं। घी में विटामिन A जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये पोषक तत्व हृदय स्वास्थ्य में सुधार और पेट की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।