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अगर लौकी जैसी सब्जियाँ आपको पसंद नहीं हैं, तो आप उन लोगों में से हैं जो अक्सर इन्हें बीमार होने पर हल्का भोजन करने के लिए खाते हैं।
इन्हीं में से एक है सफेद पेठा, जिसे ‘व्हाइट कद्दू’ या ‘विंटर मेलन’ भी कहा जाता है।
यह एक बहुउपयोगी सब्जी है, जो कम कैलोरी और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर है। पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में इस सब्जी को पीढ़ियों से संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।
इस लेख में हम सफेद पेठा के विभिन्न स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा करेंगे और कैसे इसे अपने आहार में शामिल करने से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
सफेद पेठा क्या है?
सफेद पेठा एक अंडाकार आकार का बेल पर उगने वाला फल है, जिसके पीले रंग के फूल होते हैं।
इसके कच्चे होने पर मोटी सफेद त्वचा होती है और इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। भारतीय रसोई में इसे लंबे समय से उपयोग किया जा रहा है।
यहां तक कि आयुर्वेद ने भी इसे औषधीय गुणों के लिए पहचाना है और इसकी तैयारियों को “कुष्मांड” कहा है।
इस सब्जी का पूरा भाग, जिसमें इसके बीज और पत्तियाँ भी शामिल हैं, स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं।
सफेद पेठा के विभिन्न नाम
सफेद पेठा को वैज्ञानिक रूप से Benincasa hispida कहा जाता है। भारत में यह सब्जी बहुत लोकप्रिय है और इसके कई नाम हैं।
हिंदी में इसे ‘सफेद पेठा’ कहते हैं। तेलुगु में इसे ‘बूडीदा गुम्मड़ी’ कहा जाता है। तमिल में इसे ‘नीर पूष्णिक्कै’ कहते हैं, जबकि मलयालम में इसे ‘कुंबलम’ कहा जाता है।
सफेद पेठा की पोषण प्रोफ़ाइल
आइए 100 ग्राम इस बेहतरीन सब्जी के पोषण प्रोफ़ाइल पर एक नज़र डालते हैं [1]:
पोषण प्रोफ़ाइल (Nutritional Profile) | प्रति 100 ग्राम (Per 100 grams) |
प्रोटीन (Protein) | 0.79 ग्राम (g) |
वसा (Fat) | 0.12 ग्राम (g) |
आहार रेशा (Dietary Fibre) | 3.37 ग्राम (g) |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) | 2.84 ग्राम (g) |
ऊर्जा (Energy) | 17.44 किलो कैलोरी (kcal) |
कैल्शियम (Calcium) | 19.39 मिलीग्राम (mg) |
लौह (Iron) | 0.47 मिलीग्राम (mg) |
मैग्नीशियम (Magnesium) | 19.95 मिलीग्राम (mg) |
पोटैशियम (Potassium) | 372 मिलीग्राम (mg) |
सफेद पेठा के स्वास्थ्य लाभ
सफेद पेठा सेहत के लिए अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर है और इसके कई फायदे हैं। आइए उनमें से कुछ पर नजर डालते हैं:
#1. पाचन स्वास्थ्य
आजकल पाचन की समस्या आम हो गई है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो सफेद पेठा का जूस अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
खाली पेट इसका सेवन करने से यह स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा दे सकता है।
यह जूस आंतों को साफ करने में भी मदद कर सकता है और पाचन प्रक्रिया को आसान बना सकता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक होता है [2]।
अगर आप अपने पाचन स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो ‘आशिर्वाद आटा’ द्वारा 2-minute Digestive Quotient Test ले सकते हैं।
#2. त्वचा और बालों का स्वास्थ्य
सफेद पेठा का जूस और इसकी जड़ें त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकती हैं [3]। इसका जूस आपकी त्वचा और बालों को प्राकृतिक चमक दे सकता है।
इस सब्जी के फल के अर्क का उपयोग फेस मास्क बनाने के लिए भी किया जाता है, जो दाग-धब्बों और पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद कर सकता है।
यह जलन से भी राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। चमकती और स्वस्थ त्वचा के लिए आप घर पर ही सफेद पेठा और शहद का फेस मास्क बना सकते हैं।
बस कुछ सफेद पेठा कद्दूकस करें और उसे शहद में मिलाएं। इस पेस्ट को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं।
इसे 15-20 मिनट तक छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें। इसके अलावा, इसका जूस बालों की खुरदुरी स्थिति और रूसी जैसी समस्याओं को ठीक करने में भी मदद कर सकता है [4]।
#3. हृदय स्वास्थ्य
सफेद पेठा आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता।
इसके अलावा, इसमें दो आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट्स – कैरोटीनॉयड्स (carotenoids) और फ्लेवोनॉयड्स (flavonoids) होते हैं, जो धमनियों की दीवारों पर जमा होने से बचा सकते हैं [5][6]।
#4. रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेटाबॉलिज्म
सफेद पेठा विटामिन C, कैरोटीन और फ्लेवोनॉयड्स का अच्छा स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
इस सब्जी के सेवन से रक्त कोशिकाओं को विटामिन C मिलता है, जो फिर अन्य अंगों तक पहुँचता है और उनके कामकाज के स्तर को पुनः स्थापित करता है, खासकर जब बीमारी से अंगों की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
इसके अलावा, इसमें कई उपचारक गुण होते हैं, जो पीलिया, बुखार और मधुमेह जैसी स्थितियों में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार, यह मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने में सहायक है।
इसमें कई एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) और एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं [7]।
#5. मधुमेह
यह सब्जी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। यह शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर में तेज वृद्धि नहीं होती [8]।
इसके अलावा, यह कम कैलोरी वाली होती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए एक अतिरिक्त लाभ है।
पारंपरिक चिकित्सा में इसके जूस का उपयोग अक्सर इसके एंटी-डायबेटिक (anti-diabetic) गुणों के कारण किया जाता है।
बेहतर पोषण और शुगर नियंत्रण के लिए आप सफेद पेठा की सब्जी Aashirvaad Sugar Release Control Atta से बनी रोटियों के साथ खा सकते हैं।
#6. वजन प्रबंधन
सफेद पेठा का जूस वजन प्रबंधन के लिए उपयुक्त हो सकता है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक और कैलोरी कम होती है, जिससे यह वजन घटाने की चाह रखने वाले लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प बनता है।
इसमें मौजूद आहार रेशा आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है।
इससे भूख कम लगती है और जल्दी वसा जलाने में मदद मिल सकती है [9]।
यदि आप इस सब्जी या इसके जूस में मौजूद फाइबर की मात्रा जांचना चाहते हैं, तो आप ‘आशिर्वाद आटा’ के My Meal Plan पर इसे देख सकते हैं।
#7. विषाक्त पदार्थों का निष्कासन (डिटॉक्सिफिकेशन)
यह सब्जी शरीर के विषाक्त पदार्थों को निकालने की प्रक्रिया के लिए भी बहुत उपयोगी हो सकती है।
इसे खाली पेट सेवन करने से यह अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद कर सकती है [10]।
#8. ठंडक प्रदान करना
यह सब्जी खीरे के समान है और इसमें पानी की मात्रा भी बहुत होती है। इसलिए, लोग गर्मियों में ठंडक पाने के लिए इसका जूस पीना पसंद करते हैं [11]।
इसमें मौजूद उच्च जल सामग्री शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और लू से बचाने में मदद कर सकती है।
#9. मानसिक स्वास्थ्य
इस सब्जी के बीजों में एल-ट्रिप्टोफैन (L-tryptophan) होता है। यह एक आवश्यक अमीनो एसिड है, जिसे हमारा शरीर स्वयं नहीं बना सकता।
इसकी कमी से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह एल-ट्रिप्टोफैन इस अनोखी सब्जी के बीजों में पाया जाता है।
पका हुआ सफेद पेठा अवसाद को कम करने और खुशहाली एवं अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है [12]।
अपने आहार में सफेद पेठा कैसे शामिल करें?
यहाँ कुछ स्वादिष्ट तरीके दिए गए हैं, जिनसे आप इस पौष्टिक सब्जी को अपने परिवार के आहार में शामिल कर सकते हैं:
- सब्जी – सफेद पेठा की स्वादिष्ट सब्जी बनाएं (नीचे दी गई रेसिपी देखें)।
- करी – यह चावल और डोसे के साथ एक बेहतरीन संयोजन हो सकता है।
- दाल – अपनी दाल में सफेद पेठा डाल सकते हैं, जिससे इसका पोषण बढ़ जाएगा।
- मिठाई – ‘आगरा का पेठा’ जैसी कई मिठाइयाँ इस सब्जी से बनाई जा सकती हैं।
- स्ट्यू – स्ट्यू सूप के समान होते हैं और इसमें सब्जियाँ मिलाने से यह और भी स्वास्थ्यवर्धक हो जाता है।
- सलाद – चूंकि सफेद पेठा कच्चा भी खाया जा सकता है, आप इसे सलाद में भी डाल सकते हैं।
सफेद पेठा का जूस रेसिपी
सामग्री (Ingredients):
- सफेद पेठा – 1 छोटा
- ताजा नींबू का रस – 1-2 चम्मच
- पुदीने की पत्तियाँ – सजावट के लिए
- चीनी या शहद – स्वादानुसार
विधि (Method):
- सफेद पेठा को छीलकर उसके बीज निकालकर छोटे टुकड़ों में काट लें।
- टुकड़ों को ब्लेंडर में डालें और अच्छे से ब्लेंड करें जब तक यह एकदम स्मूद न हो जाए।
- छलनी की मदद से मिश्रण को छान लें और उसका जूस निकालें। गूदा (pulp) हटा दें।
- अब नींबू का रस और स्वाद के अनुसार चीनी डाल सकते हैं।
- बेहतर स्वाद के लिए इसे परोसने से पहले कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखें।
- पुदीने की पत्तियों से सजाकर परोसें।
सफेद पेठा की सब्जी रेसिपी
सामग्री:
- सफेद पेठा – 200 ग्राम
- प्याज – ½ कप (कटा हुआ)
- हरी मिर्च – 1 (कटी हुई)
- राई के दाने – ½ चम्मच
- जीरा – ½ चम्मच
- हल्दी पाउडर – ½ चम्मच
- कड़ी पत्ते – 12-15
- नारियल – ½ कप (कद्दूकस किया हुआ)
- नारियल तेल – 1-1.5 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
विधि:
- सफेद पेठा को धोकर छीलें और छोटे टुकड़ों में काट लें।
- नारियल तेल गरम करें, उसमें राई के दाने डालें और उन्हें फूटने दें।
- फिर जीरा डालें, और जब जीरा तड़कने लगे, तो प्याज डालें और तब तक भूनें जब तक प्याज पारदर्शी न हो जाए।
- अब इसमें कटी हरी मिर्च और कड़ी पत्ते डालें।
- इसके बाद सफेद पेठा डालें।
- हल्दी मिलाएं और एक मिनट के लिए भूनें।
- पैन को ढक दें और पकने दें। ध्यान रखें कि पानी न डालें क्योंकि सफेद पेठा में पहले से ही काफी पानी होता है।
- कम से कम 7-8 मिनट तक पकाएं या जब तक यह अच्छी तरह पक न जाए।
- अब इसमें कद्दूकस किया हुआ नारियल मिलाएं।
- स्वादानुसार नमक डालें और कुछ और मिनट तक पकाएं।
- अपनी पसंद के साइड डिश के साथ परोसें।
सफेद पेठा का जूस पीने का सबसे अच्छा समय कब है?
इस जूस को सुबह खाली पेट पीना चाहिए। इस तरह से सेवन करने पर यह बेहतर परिणाम दे सकता है।
यह जूस पूरे साल पिया जा सकता है, यहाँ तक कि सर्दियों में भी।
सफेद पेठा का जूस कैसे स्टोर करें?
सफेद पेठा का जूस हमेशा ताजा पीना ही अच्छा होता है।
इसे तैयार करने के 15 मिनट के भीतर ही सेवन कर लेना चाहिए। हालाँकि, आप इसे ठंडा करने के लिए फ्रिज में भी रख सकते हैं। इसे एक एयर-टाइट कंटेनर में रखकर उसी दिन के भीतर सेवन कर लें।
साइड इफेक्ट्स/सावधानियाँ सफेद पेठा के साथ
हालांकि यह सब्जी स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए बहुत अच्छी है, लेकिन आहार में कुछ भी नया शामिल करने से पहले अपने आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सफेद पेठा में पाए जाने वाले कुछ तत्व, जैसे फाइटेट्स (phytates) और ऑक्सलेट (oxalate), शरीर की पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
सफेद पेठा का जूस पीने से कैल्शियम जमाव का जोखिम भी बढ़ सकता है, जिससे किडनी स्टोन होने की संभावना रहती है।
आप हमारे आहार विशेषज्ञों से भी बात कर सकते हैं और इस बहुउपयोगी सब्जी को अपने आहार में कैसे शामिल करें, इस पर चर्चा कर सकते हैं।
अंतिम विचार
सारांश में, सफेद पेठा एक अनोखी सब्जी है जो स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करती है।
यह पाचन में सुधार, वजन घटाने से लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है।
इसे अपने आहार में शामिल करके आप एक स्वस्थ और जीवंत जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
चाहे कच्चा खाएं, उबालकर खाएं, या इसका जूस बनाएं, सफेद पेठा हर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति के रसोई का एक बढ़िया हिस्सा हो सकता है।
FAQs
हालांकि रोज़ाना इस सब्जी का सेवन करने में कोई हानि नहीं है, लेकिन इसे संयम से खाना ही सलाहनीय है। इसके अलावा, आपको अपने आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से प्रतिदिन सेवन की मात्रा के बारे में चर्चा करनी चाहिए।
इस सब्जी में ऑक्सलेट (oxalate) और फाइटेट्स (phytates) जैसे एंटी-पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। अधिक मात्रा में सफेद पेठा का जूस पीने से कैल्शियम जमाव के कारण किडनी स्टोन होने का जोखिम बढ़ सकता है।
इस सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं। ये गुण लीवर के लिए लाभकारी हो सकते हैं, जो कई मेटाबॉलिक क्रियाओं और शरीर से विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में शामिल होता है।
सफेद पेठा मुख्य रूप से पानी से बना होता है, इसलिए इसकी प्रकृति ठंडी होती है और यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
हाँ, आप इसे कच्चा खा सकते हैं, बस इसका छिलका छील लें। अगर आप इसे कच्चा खाना चाहते हैं, तो इसे सलाद में शामिल कर सकते हैं।