केले के पत्ते के फायदे

केले के पत्तों का उपयोग पीढ़ियों से दस्त और अपच सहित पाचन समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। आइए अब जानते हैं |
Shivangi Goel
11 Jan, 2024
11 min read

केले के पत्ते न केवल बनाते हैं एक रोमांचक और स्वादिष्ट खाद्य, बल्कि इनमें छिपे समृद्ध पोषक तत्व से भरपूर गुण हैं जो हमारे स्वास्थ्य को एक नई ऊँचाइयों तक ले जा सकते हैं।

इन पत्तियों का अद्भुत प्रभाव न केवल पाचन तंत्र को सुधारता है, बल्कि वजन नियंत्रण से लेकर त्वचा स्वास्थ्य तक कई मामलों में मदद करता है।

आइए केले के पत्तों के सेवन के कुछ शानदार स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानें।

1. पाचन के लिए केले के पत्ते

केले के पत्तों का उपयोग पीढ़ियों से दस्त और अपच सहित पाचन समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है।

इन शानदार पत्तियों में मौजूद पोषक रसायन शरीर की पाचन समस्याओं को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

केले के पत्ते के प्रीबायोटिक्स (Prebiotics) आपकी आंत को पोषण देते हैं और माइक्रोबायोम (Microbiome) संतुलन को बनाए रखते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

बेहतर पाचन और पोषण अवशोषण सभी स्वस्थ पेट से संबंधित हैं। इसलिए, केले के पत्ते  स्वस्थ पेट के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

इसके अलावा, केले के पत्ते फ़ाइबर से भी भरे हुए होते हैं। बिना पचा हुआ फ़ाइबर आंतो में वजन बढ़ाता है और पाचन तंत्र मार्ग को साफ करके कब्ज़ को कम करने में मदद करता है।

आइए अब जानते हैं कि  केले के पत्तों का सेवन कैसे कर सकते हैं?

केले के पत्तों को जलाकर इनका पाउडर (Powder) बना लें और फिर पानी में घोल कर इनका सेवन करने से एसिडिटी (Acidity) और अपच की समस्या से राहत मिलेगी।

दस्त रोकने में भी केले के पत्ते कारगर हैं, उसके लिए सरसों के तेल में केले के पत्तों को डुबोकर पेट को ढकें।

यदि आप पाचन और अपने पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो Happy Tummy Aashirvaad लेकर ऐसा कर सकते हैं।

कुछ प्रश्नों के सीधे उत्तर देकर आप अपने पाचन तंत्र की कार्य क्षमता का आकलन कर सकते हैं।

2. मुक्त कणों से बचाव के लिए केले के पत्ते

केले के पत्तों में पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) होते हैं, एक कार्बनिक एंटीऑक्सीडेंट (Carbonic Antioxdant), जो हरी चाय में भी मौजूद होता है।

यही कारण है कि केले के पत्तों को जादुई कहा जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट (Anti Oxidants) शरीर को मुक्त कणों (free radicals) से बचाने में मदद करता है, जो हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े होते हैं।

इनमें फ्लेवोनोइड्स (flavonoids) भी शामिल हैं, जो अपने एंटीऑक्सीडेंट (Antioxdant) गुणों के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव (Oxidative) तनाव को कम करने के लिए आवश्यक हैं।

केले के पत्ते का क्लोरोफिल पत्तियों को हरा रंग देता है और इसमें स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले कई सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।

3. केले के पत्ते का प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में उपयोग करना

भारत के दक्षिणी क्षेत्र में लोग केले के पत्तों पर खाना खाते हैं।

इनके किफायती और पुन: प्रयोज्य होने के अलावा इन पर भोजन करने का एक और कारण यह है कि ये पत्तियां अपने रोगाणुरोधी गुणों से भोजन में किसी भी संभावित खतरनाक बैक्टीरिया (Bacteria) को स्वाभाविक रूप से नष्ट कर देती हैं।

नतीजतन, इन पत्तों पर खाना खाने से बीमार होने का खतरा कम हो जाता है, खासकर खाद्य जनित संक्रमणों से।

4. केले के पत्ते खाने का स्वाद बढ़ाते हैं

कई अलग-अलग तरीकों से प्रयोग करके केले के पत्ते भोजन को एक विशिष्ट स्वाद दे सकते हैं।

जब इन पत्तियों में भोजन को पकाया जाता है तो ये  भोजन को सुखद सुगंध  देते हैं। केले के पत्ते लपेटने या कंटेनर के रूप में भी प्रयोग किए जाते हैं।

ये खाद्य सामग्री की प्राकृतिक नमी को बनाए रखते हैं, इससे अधिक स्वादिष्ट और रसीले व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं।

पूरी तरह से प्राकृतिक  होने के  कारण ये समग्र स्वास्थ्य में सकारात्मक योगदान देतें हैं।

इसके अलावा, केले के पत्तों पर मोम का लेप उन्हें चमकदार रूप देता है और उन पर रखे गए गर्म भोजन के स्वाद को  बढ़ा देता है। इस प्रकार स्वाद और स्वास्थ्य लाभ एक साथ मिलते हैं।

5. बालों को पोषण देने के लिए केले के पत्ते

यदि आप अपने बालों को पोषण देने के लिए एक उत्तम सामग्री चाहते हैं तो केले का पत्ता इसका उत्तर है  |

इन पत्तियों का पेस्ट बालों को चमकदार बनाता  है और उनके विकास में लाभ पहुंचाता है।

इन पत्तियों का उपयोग रूसी के इलाज के लिए भी किया जाता है। 

इनमें मौजूद एसीटोन (Acetone),  मालासेज़िया (Malassezia) के विकास को कम करता है जो कि बालों में रूसी का मुख्य कारण है।

इसके  अलावा, केले के पत्तों में मौजूद पिगैलोकैटेचिन गैलेट (Pigallocatechin Gallate) जो कि हरी चाय में भी पाया जाता है, बालों का झड़ना कम करके बालों के विकास को बढ़ाता है।

6. त्वचा के पोषण के लिए केले के पत्ते

कोई भी प्राकृतिक अवयवों से भरे त्वचा देखभाल उत्पादों का उपयोग नहीं करना चाहेगा?

लोगों को रसायनों के साथ काम करने के खतरों का एहसास है और वे स्वस्थ त्वचा पाने के लिए अधिक प्राकृतिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं।

इन अद्भुत रूप से सजी हुई पत्तियों का उपयोग सदियों से न केवल घावों और जलन के अलावा विभिन्न प्रकार के त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है, बल्कि उनके रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभावों के कारण भी किया जाता रहा है।

इन्हीं विशेष गुणों के कारण केले के पत्तों से लोशन और त्वचा क्रीम भी बनाई जाती है।

इन्हें जलने से जुड़े दर्द को शांत करने और उस क्षेत्र को संक्रमण विकसित होने से बचाने के लिए पट्टियों के रूप में लगाया जा सकता है।

फिर भी, इससे चिकित्सीय सलाह लेने की आवश्यकता ख़त्म नहीं हो जाती। घाव का मूल्यांकन हमेशा डॉक्टर से करवाएं।

7. हिचकी के लिए केले के पत्ते

हिचकी (hiccups), यह एक ऐसी चीज है जिस से आप सब कभी न कभी जरुर परेशान हुए होंगें।

अगर आपको  लगातार हिचकी का सामना करना पड़ता है, तो केले के पत्ते एक उत्तम उपाय है। केले के पत्तों को जला कर शहद के साथ इनका सेवन करने से हिचकी में राहत मिलती है।

8. सामान्य सर्दी और फ्लू के लिए केले के पत्ते

सामान्य सर्दी और फ्लू दुनियाभर में सबसे अधिक होने वाले संक्रमण हैं। अक्सर लोग इनके कारण बिमार भी पड़ जाते हैं।

केले के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट(antioxidants) इस तरह की हल्की बीमारियों के इलाज में सकारात्मक योगदान देते हैं।

9. वजन घटाने के लिए केले का पत्ता

केले के पत्तों में मौजूद फ़ाइबर और पोषक तत्व वजन कम करने में कई तरह से मदद करते हैं।

ये पाचन क्रिया को धीमा करते हैं जिस से अधिक समय तक तृप्ति  की अनुभूति होती है और भूख कम लगती है।

इसके अलावा, फ़ाइबर इंसुलिन के स्तर को कम करके शरीर में वसा के जमाव को रोकते हैं।

केले के पत्तों में बहुत कम कैलोरी पर पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। तो आप केले के पत्तों का सेवन करके बिना वजन बढ़ाए, अधिक पोषक तत्वों का सेवन कर सकते हैं।

केले के पत्तों का इतने सारे स्वास्थ्य लाभ जानकर यकीन होता है कि प्राकृतिक उपाय हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।

इन पत्तियों में छिपे गुण सिर्फ सेहत को नहीं, बल्कि खाने का अनुभव भी सुधारते हैं। इसलिए, इन्हें अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में शामिल करना समझदारी हो सकती है।

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